जिनकी पार्टी और केबीनेट में इतने अपराधी भरे हें ,बे अपराधी को पनाह देने के दोषी क्यों नहीं ?
मेरा कोई दोस्त
यदि कोई बारदात करके
मेरे घर आजाता है
इससे पाहिले कि मुझे
उसकी करतूतों का पता भी चल पाता है
पुलिस उसे पकड़कर ले जाती है
और मुझे भी
अपराधी को पनाह देने के लिए
कड़ी सजा दी जाती है
(कानून के इस प्रावधान पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है )
माना कि आप साफ़ सुथरे हें
कई अग्नि परीक्षाओं से गुजरे हें
पर आपकी पार्टी और केबिनेट के हाल बेहाल हें
उसमें कई मुखड़े काले और उनके हाथ लाल हें
माना आपने कुछ नहीं किया
(यही तो पीड़ा है कि आप कुछ भी तो नहीं करते )
पर इनकी करतूतों पर
आपकी भ्रकुटी क्यों नहीं तनती
क्या उन्हें पनाह देने की तोहमत
आप पर नहीं बनती ?
तब क्यों,
एक रात अपने मित्र पनाह देने की
जिम्मेदारी तो हम पर डाली जाती है
भरे बाजार हथकड़ी पहिना कर
हमारी इज्जत उछाली जाती है
दूसरी और
सारा देश लुट जाता है
और आप पाक-साफ़ बने रहते हें
लुटेरों से घिरे बैठे हें
पर किसी से कुछ नहीं कहते हें
आज मुझे कानून से
"पनाह " देने की परिभाषा चाहिए
या तो यह भी उक्त क़ानून के दायरे में आना चाहिए
यदि नहीं
तो तुरन्त इसके लिए
एक नया क़ानून बनाना चाहिए
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
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