Friday, December 30, 2011

Parmatm Prakash Bharill: जीवन के हर पहलू में चुन चुनकर , इक नया रंग भरना हो...

Parmatm Prakash Bharill: जीवन के हर पहलू में चुन चुनकर , इक नया रंग भरना हो...: प्रतिदिन ये सूरज तमतमाया सा उगता है फिर थका हारा सा डूब जाता है लगता तो यूं था क़ि आज तो कुछ कमाल ही कर देगा सारी विकृतियों को भस्म कर...

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