Wednesday, June 27, 2012

क्या आप जानते हें क़ि हमारा यह जीवन हमारा नहीं है ? क्यों ? क्योंकि इस पर हमारा नियंत्रण नहीं है . न तो हम इसे जानते हें और न ही अपनी तरह से जीते हें . यह शून्य से प्रारम्भ होता है और वक्त के थपेड़े खाता हुआ , एक अविचारित , अनियंत्रित , दिशाहीन प्रवाह में बहता हुआ एक दिन कहीं भी समाप्त हो जाता है . बिना किसी उपलब्धि के .

क्या आप जानते हें क़ि हमारा यह जीवन हमारा नहीं है ?
क्यों ?
क्योंकि इस पर हमारा नियंत्रण नहीं है .
न तो हम इसे जानते हें और न ही अपनी तरह से जीते हें .
यह शून्य से प्रारम्भ होता है और वक्त के थपेड़े खाता हुआ , एक अविचारित , अनियंत्रित , दिशाहीन प्रवाह में बहता हुआ एक दिन कहीं भी समाप्त हो जाता है .
बिना किसी उपलब्धि के .
तब क्या करें ?
कैसे मेरा यह जीवन मेरा बने ?
कैसे मेरा यह जीवन सफल हो ?

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