Tuesday, June 26, 2012

Parmatm Prakash Bharill: क्यों न हम ये काम करें , सम्यग्द्रष्टि की खोज बंद ...

Parmatm Prakash Bharill: क्यों न हम ये काम करें , सम्यग्द्रष्टि की खोज बंद ...: ‎--------- भाई !  आपकी भावना उत्तम है , यदि ऐसा हो ही जाए तो क्या कहने , अपने धन्य भाग्य . समस्या यह है क़ि यदि सम्यग्द्रष्टि मिल ही जाएँ त...

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