Monday, July 16, 2012

Parmatm Prakash Bharill: बस बस ! बहुत हुआ . अब ठहर जा सयाने ! खुद बड़ा उदार...

Parmatm Prakash Bharill: बस बस ! बहुत हुआ . अब ठहर जा सयाने ! खुद बड़ा उदार...: बस बस ! बहुत हुआ . अब ठहर जा सयाने ! खुद बड़ा उदारदिल बना फिरता है और हमें सकीर्ण और स्वार्थी बतलाता है ? अपने अन्दर झांक कर देख ! तेरी स्व...

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