Friday, July 13, 2012

Parmatm Prakash Bharill: अब तू संयोगवश जहाँ पैदा हो गया बस वहीं अटक जाता है...

Parmatm Prakash Bharill: अब तू संयोगवश जहाँ पैदा हो गया बस वहीं अटक जाता है...: अब संसार में अनेकों धर्म हें , अनेकों गुरु हें , अनेकों विचारधाराएँ हेँ और वे सब एक दूसरे से भिन्न हेँ , एक दूसरे से एकदम विपरीत हेँ . एक द...

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