जन्मदिन पर कविता -
अब तक तो जीवन काटा है , अब जीवन में जीवन खोजें
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
दुनिया की चिंता बहुत करी है , आओ अब कुछ अपनी सोचें
अब तक तो जीवन काटा है , अब जीवन में जीवन खोजें
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
दुनिया की चिंता बहुत करी है , आओ अब कुछ अपनी सोचें
अब तक तो जीवन काटा है , अब जीवन में जीवन खोजें
अग्याँ डूबा हूँ,जीवन पर,भ्रम विभ्रम के बहुत कड़े पहरे हें
मैं उथले में रहा खेलता , पर जीवन के राज बड़े गहरे हें
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