जन्मदिन पर - (कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
जी तो लूं मैं जिन्दगी , तू फिर कभी आना
हर बर्ष चला आता है , तू फिर कभी आना
बीतते जाते हें बर्ष दर बर्ष , मैं वहीं का वहीं
यूं चुकते जाते हें हम , तू फिर कभी आना
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
जी तो लूं मैं जिन्दगी , तू फिर कभी आना
हर बर्ष चला आता है , तू फिर कभी आना
बीतते जाते हें बर्ष दर बर्ष , मैं वहीं का वहीं
यूं चुकते जाते हें हम , तू फिर कभी आना
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