Saturday, September 28, 2013

जी तो लूं मैं जिन्दगी , तू फिर कभी आना

जन्मदिन पर - (कविता)

- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 
जी तो लूं मैं जिन्दगी , तू फिर कभी आना 

हर बर्ष चला आता है , तू फिर कभी आना 


बीतते जाते हें बर्ष दर बर्ष , मैं वहीं का वहीं 


यूं चुकते जाते हें हम , तू फिर कभी आना

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