कल आपने पढ़ा -
"महानलोग दृढ तो होते हें पर जिद्दी नहीं "
अब आगे पढ़िए -
- परमात्म नीति - (55)
by- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
इसी आलेख से -
"करुणा, विनम्रता, कोमलता, परोपकार की भावना, उदारता और विवेक आदि गुणों से विहीन संकीर्ण स्वभाव वाले व्यक्ति की द्रढ़ता और संकल्प उन्हें जघन्यता की श्रेणी में ला खड़ा करते हें."
महान लोगों की द्रढ़ता और संकल्प विनम्र होते हें -
महान लोग अपने विचारों में दृढ होते हें और उनके क्रियान्वयन के लिए कृतसंकल्प,पर उनकी द्रढ़ता निर्दयी, निष्ठुर और स्वार्थी नहीं होती है. उसमें कठोरता नहीं वरन कोमलता का पुट होता है .
वे विनम्र, विवेकी और विशालमना होते हें उनमें करुणा का अहसास होता है.
करुणा, विनम्रता, कोमलता, परोपकार की भावना , उदारता और विवेक आदि गुणों से विहीन संकीर्ण स्वभाव वाले व्यक्ति की द्रढ़ता और संकल्प उन्हें जघन्यता की श्रेणी में ला खड़ा करते हें.
आगे पढ़िए -
"महान लोग धैर्यवान होते हें"
कल
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उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.
- घोषणा
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
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