jaipur, monday, oct 5, 2015, 2.56 pm
इसे गुप्त कहते हें -
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
तुमने कहा था कि किसी से न कहना
उसने किसी से नहीं कहा
अंधे ने मूता
किसी ने नहीं देखा
ऐसे ही भ्रमों में जीती है दुनिया
लोग अपने आपको देते हें धोखा
तुम नहीं रोक सके स्वयं को
तो वह कैसे रुक जाएगा
उसका भी तो कोई निकटतम होगा
वह उसे बतलायेगा
उसमें अपना भरोसा जतलायेगा
"तुम किसी से न कहना "यह सीख देता जाएगा
यह क्रम बड़ी तेजी से चलेगा
अगली सुबह हर जुबां पर इक यही जुमला मिलेगा
इसे गुप्त कहते हें -
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
तुमने कहा था कि किसी से न कहना
उसने किसी से नहीं कहा
अंधे ने मूता
किसी ने नहीं देखा
ऐसे ही भ्रमों में जीती है दुनिया
लोग अपने आपको देते हें धोखा
तुम नहीं रोक सके स्वयं को
तो वह कैसे रुक जाएगा
उसका भी तो कोई निकटतम होगा
वह उसे बतलायेगा
उसमें अपना भरोसा जतलायेगा
"तुम किसी से न कहना "यह सीख देता जाएगा
यह क्रम बड़ी तेजी से चलेगा
अगली सुबह हर जुबां पर इक यही जुमला मिलेगा
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