Monday, April 22, 2013

Parmatm Prakash Bharill: यदि हम अपने जीवन के इस प्रवाह को किसी सार्थक दिशा ...

Parmatm Prakash Bharill: यदि हम अपने जीवन के इस प्रवाह को किसी सार्थक दिशा ...: वरना संसार समुद्र तो है ही . नदी में पानी बहता ही रहता है और बहता हुआ पानी प्रतिपल समुद्र की और बढता जाता है . नदी के उस बहते हुए प...

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